aalok shrivastav
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Introduction | ज़िंदगी की धूप-छांव और उसमें बनते-बिगड़ते इंसानी रिश्तों को देखने के नज़रिए ने लिखने की प्रेरणा दी. पेशे से पत्रकार हूं और दो दशक से लिख रहा हूं. तर्तीब से रखी कतरने बताती हैं कि अब तक देश की सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में छप चुका हूं. देश-विदेश के संजीदा साहित्यिक जमावड़ों में ग़ज़लपाठ की मुहिम बदस्तूर जारी है. उर्दू के मशहूर शायरों की ग़ज़लों का इंतख़ाब कर, उन्हें किताबों की शक्ल देने का अनुभव, अपने तआरुफ़ में किसी सम्मान की तरह दर्ज करता हूं. यूं ब-हैसियत ग़ज़लकार कुछ एक सम्मान पा लिए हैं. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित अपने पहले ग़ज़ल संग्रह 'आमीन' को मिली लोकप्रियता ने ख़ूब सुरूर में रखा और अब उसका दूसरा संस्करण भी आ गया जिसकी ख़ुमारी में हूं. एक कथा-संग्रह भी बुनावट की प्रक्रिया में है. मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगर विदिशा में जड़ें हैं लेकिन इन दिनों न्यूज़ चैनल 'आजतक' के ज़रिए दिल्ली में टीवी पत्रकारिता कर रहा हूं. |
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