mazdoornama

My blogs

About me

Location delhi, delhi, India
Introduction क्या आपको लगता है कि मजदूरों की खबरों के साथ मीडिया सौतेला व्यहार कर रहा है? किसान, जवान और युवा आत्महत्या करते हैं तो यह सुर्खी बन जाती है, लेकिन 36-36 घंटे ड्यूटी, जीते रहने लायक मजदूरी और कर्ज से हलकान मजदूर जब आत्महत्या करता है तो उसके लिए अखबार में जगह नहीं होती? मजदूरनामा ब्लॉग, देश की सबसे बड़ी ताकत मजदूर वर्ग के काम की परिस्थितियों और उनकी यातनापूर्ण जिंदगी को अंधेरी खोह से निकालकर लोगों के सामने लाने की जरूरत से पैदा हुआ है। इसके मार्फत एक ऐसा डाटा बेस बनाने की योजना है, जिससे मजदूरों से संबिंधत रोजमर्रे की खबरें, आंकड़े, नीतियां, आंदोलन आदि की जानकारी एक ही जगह और देश के विभिन्न भागों में लोगों को मिल सके। अगर लगता है कि यह काम आज के वक्त की जरूरत है तो इस प्रयास से जुड़ें। इसके लिए आपको बस मजदूरों से संबंधित बड़ी से लेकर छोटी खबर को mazdoornama@gmail.com पर भेजना है। मई दिवस (1 मई 2010) से हम मजदूरनामा ब्लॉग के जरिए यह शुरुआत कर रहे हैं।
Favorite Movies गोल्ड आफ सिटी(महेश मांजरेकर), आघात(ओमपुरी, नसिरुद्दीन)