मधुकर राजपूत
My blogs
Blogs I follow
Gender | Male |
---|---|
Industry | Communications or Media |
Occupation | पत्रकारिता |
Location | दिल्ली, India |
Introduction | ज़िंदगी से न खुश न नाराज़। मुखर मौन सी चल रही है। अंज़ाम की परवाह न पहले थी और न ही अब। बेपरवाही से चलती ज़िदगी से जब ऊबने लगता हूं तो बेकार की फड़फड़ाहट भरी उड़ान के बाद थके मांदे कबूतर की तरह इसी अड्डे पर लौट आता हूं। कुछ कहता हूं, कोई सुनता है तो मन हल्का होता है। |