विपिन चौहान "मन"

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About me

Gender Male
Occupation साइबर कैफे का संचालक हूँ..
Location आगरा, उत्तर प्रदेश
Links Audio Clip, Wishlist
Introduction अब आफताब की किरणों में रोशनी न रही.. ये जिन्दगी भी बिना तेरे जिन्दगी न रही.. बस एक तुमको नही पाया तो रंज लगता है.. यूँ मेरे पास किसी चीज की कमी न रही.. मैं तुमसे दूर हूँ जिन्दा हूँ शर्म भी है मुझे.. गुनाह ये है कि आसान खुदखुसी न रही.. "तुम क्या जानो क्या गुजरी है उस के सीने पर.. जिस माहताब के साये में चांदनी न रही.... विपिन चौहान "मन"
Interests कवितायें, गज़ल, कहानी, लिखना.. और पढना.. कुमार विश्वास जी को सुनना..
Favorite Movies मदर इंडिया.. एक फूल दो माली.. दो बदन.. आरजू(पुरानी) रंग दे बसंती..
Favorite Music श्री मुहम्मद रफी जी.. श्री मुकेश जी... श्री लता जी..
Favorite Books मधुशाला.. दीप फिर जलेगा.. (नीरज जी) बादलों से सलाम लेता हूँ..(नीरज जी) रसीदी टिकट..(अम्रता प्रीतम जी) बच्चन जी की आत्मकथा..(चारो खण्ड) साये में धूप..(श्री दुश्यन्त कुमार जी)