Akhil

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About me

Gender Male
Location Kota, Rajasthan
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Introduction 22 मई 1970 को मेरा लोकार्पण हुआ. मेरी नादानियों और शरारतों के बावजूद माता पिता के अनथक प्रयासों ने मुझे इंसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वे कितने कामयाब हुए मैं नहीं बता सकता..होश संभाला तो खुद को, आधी अधूरी शिक्षा के साथ, दुनिया के चौराहे पर खडा पाया. 'कुछ' बनने की कोशिश में कुछ भी ना बन पाया. 'साहित्यकार' होने की कोशिश थी 'बेकार' हो गया...और नतीजा कान में कलम लगाकर पेट पालने की कोशिशों में व्यस्त हो कर रह गया...दिल के किसी कोने का अधमरा शायर जब अंगडाई लेता है तो एक हिचकी के साथ कुछ शब्द यक-ब-यक निकल पड़ते हैं...बस वही आपके साथ बाँट रहा हूँ..ना जाने कब ये शायर दम तोड़ दे, या आपका प्यार पाकर जी ही उठे..!!!