Atul Pangasa

My blogs

About me

Location Mumbai, India
Introduction कहते हैं अकेला खुश्क फर्मानी है, हम कहें खू-ऐ-दुनिया बे_ईमानी है. और जो राज़-ऐ-जहाँ कहीं खोला जाए, हर शक्स यहाँ पानी पानी है. रहता हूँ खू-ऐ-जहाँ से दूर, शब-ऐ-हिज्र-ऐ-आलम रूमानी है. और कोई आए भी न अब करीब, हमें क्या बन्दूं से आणि जानी है. तू नही, और जीने की जुस्तजू नही, मक्रूह सी जिंदगानी है. और करें न किसीको हम_जलीस, तनहा मरने में यौन आसानी है. ………………………….अतुल (मक्रूह= cursed; हम जलीस = close friend)