DEV DUTTA PALIWAL"NERBHYA"
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Gender | Male |
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Industry | Communications or Media |
Occupation | मीडिया |
Location | बंगलोर- hubli, कर्नाटक, India |
Introduction | राष्ट्रीय कवि,लेखक एवं विचारक जन्म उत्तरप्रदेश इटावा,भारतीय संस्कृत साहित्य के विद्वान कवि, नाटककार महाकवि कालिदास के नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम का काव्य अनुवाद के साथ कारगिल युद्ध पर प्रहरी एवं चम्बल का पानी खंड काव्य का सृजन करना. सीता हरण से लेकर रावन वध एवं मंदोदरी राम संवाद की कथा को 14 सर्गो मैं लिखना सम्मिलित है इसके अतिरिक्त समसामयिक विषयों पर अबतक 80 रचनाओ - माँ ,आस्था पर प्रहार, यह संभिधान फिर कैसा , सरे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, गोधरा , तब तुम उत्तर न दे पाओगे , तब तुम दिवाली मनाओ , हे राम तुम्हे आना होगा , आखिर कब तक राम लड़ेगे , क्यों भगवान् इनमे ढूढ़ते हो , समय का फेर, अपने ही घरवालो से, टूटते रिश्ते , जय बोलो महावीर की, तारीख बदलती चली गयी, तब तुम विजय दशमी मनाओ, संस्कार हीन हो जायोगे, जलता बचपन , प्रतिफल , आओ मिलकर रंग लगायें , जीने का अधिकार नहीं , जीवन यात्रा , का भी सर्जन निरंतर चल रहा है के साथ साथ समय समय पर बंगलौर दूरदर्शन द्वारा हिंदी कार्यक्रमों सम्मिलित करना तथा नगर के साहित्यिक संस्था शव्द द्वारा किये जाने वाले स्थानीय कवि सम्मेलनों मैं भी काव्य पाठ भी निरंतर जारी है. |
Interests | लेखन, देश प्रेम की भावनाओ से संपृक्त साहित्य एवं काव्य का अध्ययन |
Favorite Movies | सार गर्भित चलचित्रों को देखना |
Favorite Music | पुरानी फिल्मो के गीत एवं कवि सम्मेलनो की कविताओ का रसास्वादन |
Favorite Books | जयशंकर प्रसाद-कामायनी, समित्रनंदन - मौन निमंत्रण, मैथलीशरण गुप्त- साकेत के साथ साथ रामधारी सिंह दिनकर, महादेवी वर्मा आदि कवियों की रचनाओ को पदना समिलित है |